Tribute to My Dad
धुप भी थे हमारी और छाओं भी थे वो
,
उंगलियाँ पकरकर दिशा दिखाने वाले भी थे वो,
हमारी कल थे और आज भी हैं वो,
काश आगे भी हमारे साथ चल सकते वो।
हमारी ख़्वाबों की दास्ताँ भी लिखें वो,
तमन्ना थी की हमारी जनाज़े पे भी रहे वो,
काश वापस आ सकते यही दुआ थी मेरी,
बातें तो बहुत बाक़ी थी पर रह गयी है बस यादें तेरी।
इन्ही यादों के सहारे हमे चलना है आगे,
साथ चलने की ख्वाइश हर पल यह दिल मांगे,
तुम हो हम में और हम तुम में,
इन्ही यादों की तस्वीर लिए आगे बढ़ना है इस सफर में.…
Love you Dad...Forever